अहसास के आईने में
फूल तुझको दिया हर धड़कन के लिए,
मुझको काँटे मिले हैं चुभन के लिए.
प्यार ही प्यार दामन में सजता रहे,
मैं मचलता रहा उस सपन के लिए.
होठों के छलकते समंदर में भी,
मै प्यासा रहा एक जनम के लिए.
वज्म-ए-खुश्बू से तेरी महके हर चमन,
मैं तरसता रहा उस मिलन के लिए.
तेरा दामन फटा है ऐ आलोक-ए-दिल,
गीत गम को बना ले जीवन के लिए.