Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2024 · 1 min read

अस्तित्व की ओट?🧤☂️

हर ओर ढकोसला,
दिखावा,
ऊंची डींग,
आत्मश्लाघा,
आडम्बर-अम्बर,
अन्दर तक,
कोट के अन्दर खोट,
दीन-हीन का गला घोट,
अस्तित्व की ओट?

मौकापरस्त,
बर्ताव,
प्रदर्शित व्यस्त,
व्यवहार,
मीठे बोल के,
छल से चोट,
अस्तित्व की ओट?

स्वार्थ – समुंदर,
अर्थ* – प्रचुरतर,
हृदयगत,
अनर्थ – व्यर्थ का
विस्तृत अंबर,
अनुभूति से परे,
परायापन की सोच,
अस्तित्व की ओट?

प्रकृति,
प्राकृतिक पर,
हेयदृष्टि धर,
कृत्रिम नव,
पथ – निर्माण,
कृति* कर,
प्रथम रोग,
पुनः निवारण,
प्रयोग,
अस्तित्व की ओट?

मनचाहे सुख में,
धर अकृत्य कर*,
सुख का साधन,
बढ़ाए निरंतर,
खुद खाकर भी,
दूसरों को दे कचोट*,
अस्तित्व की ओट?

विकसित-परिवेश,
देकर नाम ,
काटे देश ,
शान ओ ‘ बखान,
आदर्श-आदर्श* को तोड,
नदी – जल अवरोध,
जलविद्युत् का ,
अभिनव-उद्योग ,
पुरजोर,
अस्तित्व की ओट?

पर्यावरण – आवरण,
अपरिहार्य दग्ध* कर,
अनिवार्य बांटकर ,
धरणी* – संसाधन,
रक्षणविमुख पतनोन्मुख,
वारि-वात-वनस्पति को दे झकझोर ,
अस्तित्व की ओट?

समस्त चेतन-अचेतन,
अंश को,
पीडित कर,
पत्थर-खण्ड को,
जड से जडकर,
जड को,
रत्न जताकर,
शीश-भुजयुगल,
ग्रीवा सजाकर,
धनवान वृथा*,
दम्भी मदहोश ,
अस्तित्व की ओट?
संकेत शब्द: –
1धन,2 निर्माण , *3 वेदना, *4दर्पण, 5 धरती,6 बेकार

1 Like · 91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ছায়া যুদ্ধ
ছায়া যুদ্ধ
Otteri Selvakumar
सावन आज फिर उमड़ आया है,
सावन आज फिर उमड़ आया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संबंध अगर ह्रदय से हो
संबंध अगर ह्रदय से हो
शेखर सिंह
बथुवे जैसी लड़कियाँ /  ऋतु राज (पूरी कविता...)
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
Rituraj shivem verma
जिनमें कोई बात होती है ना
जिनमें कोई बात होती है ना
Ranjeet kumar patre
मेल
मेल
Lalit Singh thakur
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
चुनाव
चुनाव
Mukesh Kumar Sonkar
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कल को छोड़कर
कल को छोड़कर
Meera Thakur
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
262p.पूर्णिका
262p.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
राम प्यारे हनुमान रे।
राम प्यारे हनुमान रे।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
All of a sudden, everything feels unfair. You pour yourself
All of a sudden, everything feels unfair. You pour yourself
पूर्वार्थ
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ आदी हैं मल-वमन के।।
■ आदी हैं मल-वमन के।।
*प्रणय प्रभात*
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
जगदीश शर्मा सहज
आपसे गुफ्तगू ज़रूरी है
आपसे गुफ्तगू ज़रूरी है
Surinder blackpen
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
Manoj Mahato
छूटा उसका हाथ
छूटा उसका हाथ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"वसन"
Dr. Kishan tandon kranti
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
Rj Anand Prajapati
जितना सच्चा प्रेम है,
जितना सच्चा प्रेम है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सपने
सपने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पुण्य आत्मा
पुण्य आत्मा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
**मन में चली  हैँ शीत हवाएँ**
**मन में चली हैँ शीत हवाएँ**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
Loading...