न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
खूबसूरत है किसी की कहानी का मुख्य किरदार होना
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
जो बालक मातृभाषा को सही से सीख लेते हैं ! वही अपने समाजों
Living life now feels like an unjust crime, Sentenced to a world without you for all time.
जीवन में कभी भी संत रूप में आए व्यक्ति का अनादर मत करें, क्य
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
है माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर