अवास्तविक
जब कुछ वास्तविक सा
न मिले जीवन में तो
अवास्तविकता
अच्छी लगने लगती है
अवास्तविकता के भी अपने कुछ
वास्तविक रंग होते हैं
तभी तो कोई भी चीज
चाहे कितनी भी
अवास्तविक हो पर
कुछ हद तक वास्तविक होती है
खुद में तो
दूसरों के लिए पूर्णतया
अवास्तविक प्रतीत होते हुए भी
अवास्तविक नहीं हो सकती।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001