Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2018 · 1 min read

अवकाश चाहिए

मन की थकन जो उतार दे
वो अवकाश चाहिए

इस भागती सी जिंदगी में
फुरसत की सांस चाहिए ।

चेहरों को नहीं दिल को भी
पढने का वक्त हो ….
मोबाइल लैपटॉप से
कुछ पल
संन्यास चाहिए ।

मन की जमीं के सूखे
पर तो
ध्यान ही नहीं।
कब बन गए उसर
हमें ये भान ही नहीं।
कोई फूल
इस पर
खिलने को
प्रयास चाहिए ।

अपनों की
देखभाल का
एहसास चाहिए ।

अब बहुत मन भर
गया
बड़प्पन
और मान से।
है बहुत तृप्त अहम
झूठी आन बान शान से।
इसको भी एक दिन का
उपवास चाहिए ।

बन जाऊं
तितली या परिंदा कोई
वो आभास चाहिए ।

मन की थकन
जो उतार दे
वो अवकाश चाहिए..‼

200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
अवसाद
अवसाद
Dr Parveen Thakur
ਕੁਝ ਕਿਰਦਾਰ
ਕੁਝ ਕਿਰਦਾਰ
Surinder blackpen
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
बहू-बेटी
बहू-बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नैन मटकका और कहीं मिलना जुलना और कहीं
नैन मटकका और कहीं मिलना जुलना और कहीं
Dushyant Kumar Patel
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
surenderpal vaidya
3263.*पूर्णिका*
3263.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दास्ताने-इश्क़
दास्ताने-इश्क़
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*जाऍंगे प्रभु राम के, दर्शन करने धाम (कुंडलिया)*
*जाऍंगे प्रभु राम के, दर्शन करने धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बीते लम़्हे
बीते लम़्हे
Shyam Sundar Subramanian
एक उदासी
एक उदासी
Shweta Soni
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
gurudeenverma198
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
मंजिल एक है
मंजिल एक है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*मनुष्य शरीर*
*मनुष्य शरीर*
Shashi kala vyas
हटा लो नजरे तुम
हटा लो नजरे तुम
शेखर सिंह
■
■ "टेगासुर" के कज़न्स। 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
चलो आज कुछ बात करते है
चलो आज कुछ बात करते है
Rituraj shivem verma
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
Dr MusafiR BaithA
Blood relationships sometimes change
Blood relationships sometimes change
pratibha5khatik
सुनो तुम
सुनो तुम
Sangeeta Beniwal
वोट का लालच
वोट का लालच
Raju Gajbhiye
गलतियां सुधारी जा सकती है,
गलतियां सुधारी जा सकती है,
Tarun Singh Pawar
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
कर्म ही हमारे जीवन...... आईना
Neeraj Agarwal
Loading...