अमर काव्य
लेखन वह,जो राष्ट्रहित सजग चेतनाकाश-
देकर,बने सु प्रीति सह मातृभूमि उल्लास।
सहजरूप गह, दिव्यता का छू ले उत्कर्ष।
अमर काव्य हर हृदय को दे सद्ज्ञान-प्रकाश।
पं बृजेश कुमार नायक
लेखन वह,जो राष्ट्रहित सजग चेतनाकाश-
देकर,बने सु प्रीति सह मातृभूमि उल्लास।
सहजरूप गह, दिव्यता का छू ले उत्कर्ष।
अमर काव्य हर हृदय को दे सद्ज्ञान-प्रकाश।
पं बृजेश कुमार नायक