Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2024 · 1 min read

दबी जुबान में क्यों बोलते हो?

दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
अगर बोलो तो लगे बोलते हो।

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
रंग भरी पिचकारियाँ,
रंग भरी पिचकारियाँ,
sushil sarna
निर्धन बिलखे भूख से, कौर न आए हाथ।
निर्धन बिलखे भूख से, कौर न आए हाथ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग
हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग
Shivkumar Bilagrami
आने घर से हार गया
आने घर से हार गया
Suryakant Dwivedi
शिशुपाल वध
शिशुपाल वध
SHAILESH MOHAN
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
शेखर सिंह
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
💐प्रेम कौतुक-400💐
💐प्रेम कौतुक-400💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* प्यार का जश्न *
* प्यार का जश्न *
surenderpal vaidya
2531.पूर्णिका
2531.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मंजिल तक पहुँचने के लिए
मंजिल तक पहुँचने के लिए
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"एक शोर है"
Lohit Tamta
देना और पाना
देना और पाना
Sandeep Pande
*जब एक ही वस्तु कभी प्रीति प्रदान करने वाली होती है और कभी द
*जब एक ही वस्तु कभी प्रीति प्रदान करने वाली होती है और कभी द
Shashi kala vyas
स्वार्थवश या आपदा में
स्वार्थवश या आपदा में
*Author प्रणय प्रभात*
सृजन और पीड़ा
सृजन और पीड़ा
Shweta Soni
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
A Departed Soul Can Never Come Again
A Departed Soul Can Never Come Again
Manisha Manjari
अरबपतियों की सूची बेलगाम
अरबपतियों की सूची बेलगाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
Phool gufran
"सिक्का"
Dr. Kishan tandon kranti
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
Atul "Krishn"
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
कृष्णकांत गुर्जर
दिल से हमको
दिल से हमको
Dr fauzia Naseem shad
Loading...