Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2019 · 1 min read

#ग़ज़ल-23

चलते-चलते राहों का मैं सरदार हो गया हूँ
अब हर मुश्क़िल से लड़ने को तैयार हो गया हूँ/1

आँधी क्या रोकेगी मुझको गोली हुए चला हूँ
मंज़िल पर रूकूँगा ऐसी रफ़्तार हो गया हूँ/2

संकट के चाहे कितने आएँ तीर ना झुकूँगा
तप के शोलों में लोहे की दीवार हो गया हूँ/3

उनकी चाहत है जीवन भर करता रहूँ गुलामी
डरता था कल चीखों से अब ललकार हो गया हूँ/4

मेरे आगे खुदगर्ज़ों की औक़ात ही दिखेगी
मैं अपने रुह-मन से इतना खुद्दार हो गया हूँ/5

झुक जाते हैं सिर या कट जाते देख हमीं को
सच्चाई की वो तूफ़ानी तलवार हो गया हूँ/6

लेते हैं क़समें अब तो मेरे नाम की यहाँ सब
अपने कर्मों से मैं उनका संस्कार हो गया हूँ/7

मिलता है जो दिल से हो जाता हूँ सदा उसी का
कहते हैं अब तो सारे मैं दिलदार हो गया हूँ/8

देवी है जो पूजा करती है देवता बनाकर
उसका कुमकुम बिंदी सौलह शृंगार हो गया हूँ/9

वो कहते हैं तेरी ग़ज़लों में ताज़गी लगे है
सीधा दिल में उतरे मैं वो अशआर हो गया हूँ/10

मैं शशि हूँ ना सूरज ना ही रब महान कोई
फिर भी लोगों की आँखों का दीदार हो गया हूँ/11

“प्रीतम” तेरा सादापन खींचे जा रहा क़सम से
मैं दिल से चाहत में इश्क़े-इज़हार हो गया हूँ/12

-आर.एस.’प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित..radheys581@gmail.com

2 Likes · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*Author प्रणय प्रभात*
2236.
2236.
Dr.Khedu Bharti
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
पुरातत्वविद
पुरातत्वविद
Kunal Prashant
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
किशोरावस्था : एक चिंतन
किशोरावस्था : एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
गुरु कृपा
गुरु कृपा
Satish Srijan
मुक्तक
मुक्तक
कृष्णकांत गुर्जर
दोहा छन्द
दोहा छन्द
नाथ सोनांचली
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
मनमीत मेरे तुम हो
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
रक्षा में हत्या / मुसाफ़िर बैठा
रक्षा में हत्या / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"सच और झूठ"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
Sangeeta Beniwal
माँ महान है
माँ महान है
Dr. Man Mohan Krishna
Happy Holi
Happy Holi
अनिल अहिरवार"अबीर"
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
भाषण अब कैसे रूके,पॉंचों साल चुनाव( कुंडलिया)
भाषण अब कैसे रूके,पॉंचों साल चुनाव( कुंडलिया)
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-544💐
💐प्रेम कौतुक-544💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बाबूजी
बाबूजी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कभी कभी प्रतीक्षा
कभी कभी प्रतीक्षा
पूर्वार्थ
जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं,
जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं,
Vishal babu (vishu)
नशा
नशा
Mamta Rani
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
Atul "Krishn"
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
बँटवारा
बँटवारा
Shriyansh Gupta
Loading...