अब भुगतो (पाक को संदेश )
कहा था हमसे मत उलझो ।
अब भुगतो ।
सब्र का प्याला छलक गया ।
अब भुगतो ।
प्याला छलका है,
बांध नहीं टूटा है अभी ।
अब भी सुधर आओ वर्ना ,
फिर भुगतो ।
बांध टूटा तो
भुगत भी न पाओगे ।
कहाँ बह जाओगे
कुछ खबर भी न पाओगे ।
कहा था हमसे मत उलझो ।
अब भुगतो ।
सब्र का प्याला छलक गया ।
अब भुगतो ।
प्याला छलका है,
बांध नहीं टूटा है अभी ।
अब भी सुधर आओ वर्ना ,
फिर भुगतो ।
बांध टूटा तो
भुगत भी न पाओगे ।
कहाँ बह जाओगे
कुछ खबर भी न पाओगे ।