“अफसाना”
“अफसाना”
सदियाँ बीत गई हमें बिछुड़े हुए
पर पल भर भी ना जुदा हुए,
बेदर्द मोहब्बत का अफसाना है
कि भूले नहीं पाकिर तेरी।
“अफसाना”
सदियाँ बीत गई हमें बिछुड़े हुए
पर पल भर भी ना जुदा हुए,
बेदर्द मोहब्बत का अफसाना है
कि भूले नहीं पाकिर तेरी।