Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2023 · 1 min read

*आया जाने कौन-सा, लेकर नाम बुखार (कुंडलिया)*

आया जाने कौन-सा, लेकर नाम बुखार (कुंडलिया)
—————————————-
आया जाने कौन-सा, लेकर नाम बुखार
काया सब काली हुई, सूखी रस की धार
सूखी रस की धार, हाथ को हाथ डराता
पैरों को बेकार, दुष्ट ज्वर कर-कर जाता
कहते रवि कविराय, गली हर घर है छाया
मरण भयानक पाश, नाम ज्वर लेकर आया
————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

2 Likes · 108 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"मौजूदा दौर" में
*Author प्रणय प्रभात*
Destiny
Destiny
Dhriti Mishra
💐प्रेम कौतुक-163💐
💐प्रेम कौतुक-163💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
शेखर सिंह
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
I don't care for either person like or dislikes me
I don't care for either person like or dislikes me
Ankita Patel
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रहो नहीं ऐसे दूर तुम
रहो नहीं ऐसे दूर तुम
gurudeenverma198
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
इस दुनियां में अलग अलग लोगों का बसेरा है,
इस दुनियां में अलग अलग लोगों का बसेरा है,
Mansi Tripathi
खुदी में मगन हूँ, दिले-शाद हूँ मैं
खुदी में मगन हूँ, दिले-शाद हूँ मैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्या मणिपुर बंगाल क्या, क्या ही राजस्थान ?
क्या मणिपुर बंगाल क्या, क्या ही राजस्थान ?
Arvind trivedi
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
तुलना से इंकार करना
तुलना से इंकार करना
Dr fauzia Naseem shad
2589.पूर्णिका
2589.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
एकाकीपन
एकाकीपन
Shyam Sundar Subramanian
शून्य ही सत्य
शून्य ही सत्य
Kanchan verma
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
कड़वा सच~
कड़वा सच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
"ए एड़ी न होती"
Dr. Kishan tandon kranti
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
Ravi Prakash
विषधर
विषधर
आनन्द मिश्र
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
Shweta Soni
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...