अपने लिए सब सोना चाहे,दूजे के लिए माटी
अपने लिए सब सोना चाहे
दूजे के लिए माटी,दूजे के लिए माटी चाहे
करना चाहे वो बर्बादी,करना चाहे वो बर्बादी,सोचे
दूजों का बुरा होये, दूजों का बुरा होये तो
मन ही मन खुश वो होये,मन ही मन खुश होये जो
वो सुखी कहाँ से होये,सुखी कहाँ से होये वो
जो स्वयं ही कांटों को बोये।
भूपेंद्र रावत