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12 Apr 2021 · 1 min read

अनजान मोहब्बत

लाख गुनाह किए हैं मैंने जिंदगी में
पर कभी कुछ चुराया नहीं.
इस हंसी के पीछे का दर्द
आज तक किसी को दिखाया नहीं.
लोगों ने समझा मुझे
मुसाफिर अनजान राहों का
आज भी याद है मुझे
वह गहरा तुम्हारी बाहों का.
तुम्हारा मेरे साथ चल कर यूं मुस्कुराना
कहते कहते किसी बात को
तुम्हारा देखकर मुझे रुक जाना.
भाता है दिल को
आज भी वो तेरा देखना.
लाख दूरियों में फासले चंद कदमों के थे
जिंदगी के बेगाने सफर में
ना जाने कितने अपने थे.

Language: Hindi
1 Like · 535 Views
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