अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य – रविकेश झा
हम जीवन जी रहे हैं लेकिन हमें पता नहीं चलता कि हम कुछ और भी हो सकते है। भौतिक सुख से आत्मिक सुख भी हो सकता है। हमें बेहतर जीवन जीने का काला क्या हो सकता है कैसे हम कुछ खोजें कैसे हम जीवन का उद्देश्य पता किया जाए, रविकेश झा यानी मैं आपको अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन के उद्देश्य को समझा रहा हूं।
बहुत से लोग जीवन का उद्देश्य तलाशते हैं। कुछ को मिलता है तो वो उसमें खो जाता है, और कुछ भटकता रहता है अंत तक मृत्यु तक फिर जन्म लेना फिर खोजना यह निरंतर चलता रहता है। आप हिमालय जाकर देखें और कही भी मिल जायेंगे, लेकिन यह खोज अक्सर उन्हें विभिन्न अध्यात्मिक मार्गो की खोज की ओर ले जाती है। अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन के उद्देश्य को समझने से गहरी अंतदृष्टि और शांति मिल सकता है। और हमें जागरूकता के साथ चलना होगा।
अध्यात्म जीवन को देखने का एक अनोखा नजरिया प्रदान करता है। यह आपको भौतिक लाभ से परे देखने और आंतरिक विकाश पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस यात्रा ने आत्म-खोज और एक उच्च शक्ति के साथ संबंध शामिल हैं। लेकिन याद रहे हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ना है और प्रेम के रास्ते पर चलना होगा। रास्ता एक ही है प्रेम का, जीवन का उद्देश्य प्रेम होना चाहिए, कामना से करुणा घृणा से प्रेम यही उद्देश्य होना चाहिए जो बेहतर हो सकता है जीवन जीने में।
हमें देखना होगा प्रतिदिन हम कैसे जीते हैं चीखते है चिल्लाते रहते हैं क्रोध भरा परा है वासना है कैसे हम प्रेम कर सकते हैं, रास्ता दिखता नहीं और हम जटिल होते जाते हैं। रास्ता है पर हम कामना के रास्ते पर चलते हैं क्योंकि हमें पता भी नहीं है कि करुणा से क्या होगा स्त्री समझती है पर पुरुष पत्थर बने हुए हैं, बस वासना कामना से भरे पड़े हैं।
ध्यान का यात्रा करना होगा, जीवन की यात्रा में जागरूकता लाना होगा, आत्म-खोज का समर्थन करना होगा। यह लोगों को उद्देश और अपनेपन की भावना महसूस करने में मदद करेगा।
प्राथना, ध्यान, जागरूकता , अन्य अध्यात्मिक अभ्यास इस संबंध को मजबूत कर सकते हैं। ये प्रथाएं लोगों को उनके उच्च उद्देश्य के साथ अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद करती हैं। वे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी आराम प्रदान करेगा।
प्रेम की शक्ति को समझना होगा प्रेम हमें देना, होना सिखाता है नहीं की लेना, क्योंकि हम बहुत लोग ये सोचते हैं की हम प्रेम कर रहे हैं नहीं हम कामना करते हैं स्पर्श भी कामना है और बात करना भी, ये सब सिद्ध हो चुका है पहले। हमें प्रेम का मतलब नहीं पता चलता। हम बस सामने के साथ है बस एक है बस चैतन्य है दोनों एक में डूबे हुए है ये प्रेम है बस सब कुछ दे देना ।
उच्च शक्ति आपको एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना सिखाता है ऊर्जा बहुत हो जाता है फिर हम कुछ कार्य कामना पूर्ण करने में लग जाते हैं उसे समझना होगा, ध्यान में स्वयं के ऊर्जा को लाना होगा, तभी हम पुर्णशक्ति का उपयोग कर सकते हैं।
अध्यात्मिक विकाश में समुदाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समान विचारधारा वाले समूह का हिस्सा होने से समर्थन और प्रोत्साहन मिल सकता है। यह ऊर्जा आपको साझा, सीखने और विकाश के अवसर भी प्रदान करता है। आपको सभी समुदाय से जुड़ने में मदद करता है।
जब आप जागरूकता लाओगे फिर आप वह नहीं रहोगे जो अभी हो आप, आपको कुछ करने का मन करेगा जागने का मन करेगा, कुछ खोने का क्योंकि सब कुछ मिल जाता है फिर आप क्या करोगे लुटा दोगे आप, कुछ नहीं बचता रखने के लिए सब बाहर हो जाता है और वो हीरा से जी कीमती है होश चैतन्य सब मिल जाता है। फिर आप चाहोगे की सबको मिले, क्योंकि आपके नजर में वो भिकारी बन जाता है और आप बादशाह, क्योंकि आप सब जान लेते हैं और सब जीवन में स्पष्ट हो जाता है सब साफ दिखाई परता है।