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30 May 2024 · 1 min read

अतीत याद आता है

अचानक हवा का कोई झोंका
मेरे सामने से गुजर जाता है
मुझे मेरी स्मृति को अपने साथ लेकर
मेरे अतीत तक की सैर कराता है
वह चेहरा जो अब स्मृति बन गया है
खुशी की लहर मन मस्तिष्क पर
मासूम इतना जैसे पुष्प नजर आता है
हंसता खेलता सदैव उत्साह से भरपूर
जैसे निर्झर कल कल झरता जाता है |
फिर बही झोंका हवा का
मुझे वर्तमान में ले आता है
चीखता चिल्लाता अपने स्वर में
मुझे बस कहता ही जाता है
अनंत देखो स्वयं में परिवर्तन
क्या तुम्हें अपना अतीत याद आता है
बस इतना कहकर वह झोका हवा का
मुझसे न जाने क्या क्या कह जाता है |

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