“अग्निपथ के राही”
“अग्निपथ के राही”
जो कफ़न साथ लेकर सोता है,
वो कभी ठेके पर नहीं होता है।
देश प्रेम का भाव ही होता ऐसा,
सैनिक धरती पर खून बोता है।
“अग्निपथ के राही”
जो कफ़न साथ लेकर सोता है,
वो कभी ठेके पर नहीं होता है।
देश प्रेम का भाव ही होता ऐसा,
सैनिक धरती पर खून बोता है।