*अगर दूसरे आपके जीवन की सुंदरता को मापते हैं तो उसके मापदंड
अगर दूसरे आपके जीवन की सुंदरता को मापते हैं तो उसके मापदंड बहुत से हैं
जैसे किसी को शारीरिक सुंदरता मोहती है तो किसी को वैचारिक……… किसी को कर्मो का भला होना ही सर्वश्रेष्ठ लगता है तो किसी को वाणी की मधुरता सर्वोपरि लगती है……….
पर वास्तव में सुन्दरता तो वो है जो मानव स्वयं से स्वयं के लिए स्वीकार करे कि वो सुन्दर है और उसके कृत्य , उसकी वाणी , उसके विचार सुन्दर हैं……..
अपना आइना/प्रशंसक स्वयं बनिए…….. दूसरों की नज़रों से खुद को मत पहचानिए…….. उसमें अक्सर धोखा होता है
सीमा वर्मा