Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2024 · 1 min read

“अकेलापन”

“अकेलापन”
अकेलापन में
कोई मौन रहता है,
कोई पुकारता है-
अकेले हैं, चले आओ
जहाँ हो…
कहाँ आवाज दें तुमको
कहाँ हो…

2 Likes · 3 Comments · 72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
Moin Ahmed Aazad
*कुछ संयम कुछ ईश कृपा से, पापों से बच जाते हैं (हिंदी गजल)*
*कुछ संयम कुछ ईश कृपा से, पापों से बच जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सुकून
सुकून
इंजी. संजय श्रीवास्तव
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
झरोखों से झांकती ज़िंदगी
झरोखों से झांकती ज़िंदगी
Rachana
सोच
सोच
Dinesh Kumar Gangwar
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
Ranjeet kumar patre
अपने विचारों को अपनाने का
अपने विचारों को अपनाने का
Dr fauzia Naseem shad
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
" हमारी टिप्पणियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
नव भारत निर्माण करो
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
"जीत सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
तमाम लोग
तमाम लोग "भोंपू" की तरह होते हैं साहब। हर वक़्त बजने का बहाना
*प्रणय*
ଷଡ ରିପୁ
ଷଡ ରିପୁ
Bidyadhar Mantry
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सादगी मुझमें हैं,,,,
सादगी मुझमें हैं,,,,
पूर्वार्थ
छंद घनाक्षरी...
छंद घनाक्षरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
3523.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3523.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल : इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है
ग़ज़ल : इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है
Nakul Kumar
विचार, संस्कार और रस [ एक ]
विचार, संस्कार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
मुस्कुरायें तो
मुस्कुरायें तो
sushil sarna
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
Satish Srijan
होली के रंग
होली के रंग
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
वजह बन
वजह बन
Mahetaru madhukar
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
Chaahat
क्यों सिसकियों में आवाज को
क्यों सिसकियों में आवाज को
Sunil Maheshwari
-शेखर सिंह ✍️
-शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
Loading...