अंधी पीसें कुत्ते खायें।
सरकार हमारी बड़ी महान
योजनाओं पर करती काम।
बड़ी-बड़ी वह योजना लाती
पूरे देश है में उसे फैलाती।
भूखों की भूख मिटाने हेतु
दाल और अनाज बंटवाती।
गरीब कल्याण की योजना से
सस्ते ऋण उपलब्ध करवाती
जिनके पास नहीं पक्के घर है
उनको पक्के घर बनवाती।
शिक्षा स्वास्थ्य की व्यवस्था करके
शिक्षित और आरोग्य बनाती।
अपनी योजना की उपलब्धि के
देश भर मैं गुणगान गाए।
पर सच में क्या मिल रहा है ?
गरीब को इनका पूरा लाभ
जिन योजनाओं पर सरकार ने
पानी के जैसे पैसे बहाये।
सूचना तंत्र की गड़बड़ी के कारण
या वितरण तंत्र की ढील के कारण
ऐसा तो नहीं हो रहा है?
अंधी पीसें कुत्ते खायें।
-विष्णु ‘पाँचोटिया