अंतिम चेतावनी
मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन दाता हूं
प्राणवायु देता हूं तुमको, सांसे मैं ही चलाता हूं
जीवन सारा तुम्हें समर्पित, तेरा भाग्य विधाता हूं
जीवन भर देता हूं तुमको, बदले में बलाएं लेता हूं
मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन दाता हूं
मेरे कारण ही धरती पर, पर्यावरणचक्र यह चलता है
आकर्षित करता हूं मेघों को, पानी यहां बरसता है
अस्तित्व हूं मैं हर जीवजंतु का, जीवन मुझमें बसता है
गर्मी सर्दी वर्षा सह कर, फल फूल दवाई देता हूं
मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन दाता हूं
मुझसे जंगल हरे भरे हैं, पर्वत मुझसे गर्बीले हैं
मुझसे ही बहतीं हैं नदियां, मौसम सदा सजीले हैं
रेगिस्तान बना मत धरती, अंतिम चेतावनी देता हूं
मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन दाता हूं
नहीं रहा मैं अगर धरा पर, यह धरती बच ना पाएगी
क्या खाएगा क्या पिएगा, मृत्यु निकट आ जाएगी
धरती बन जाएगी रेगिस्तान, अंतिम सत्य बता देता हूं जीवनविहीन होगी ये धरती,तुमको आज जगा देता हूं
मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन दाता हूं
मत बर्बाद करो जल जंगल, सुंदर संसार बसा देता हूं
जन्म से मृत्यु तक मैं तेरे, काम सदा आता हूं
मैं ना रहूंगा तुम ना रहोगे, बस राज यही कहता हूं
मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन दाता हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी