Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,

मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
न सुना-सुना के उदास कर।
तू खिज़ाँ का फूल है, मुस्कुरा,
जो गुज़र गया सो गुज़र गया।

– बशीर बद्र

84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सर्द ऋतु का हो रहा है आगमन।
सर्द ऋतु का हो रहा है आगमन।
surenderpal vaidya
दूर क्षितिज के पार
दूर क्षितिज के पार
लक्ष्मी सिंह
2563.पूर्णिका
2563.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार
छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार
Mukesh Kumar Sonkar
जाति आज भी जिंदा है...
जाति आज भी जिंदा है...
आर एस आघात
रेल चलय छुक-छुक
रेल चलय छुक-छुक
Dr. Kishan tandon kranti
"BETTER COMPANY"
DrLakshman Jha Parimal
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
कवि दीपक बवेजा
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
Harminder Kaur
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
सुप्रभात
सुप्रभात
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
दोहे- उदास
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
gurudeenverma198
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन ।
उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन ।
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Sukoon
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
Rap song (3)
Rap song (3)
Nishant prakhar
स्वांग कुली का
स्वांग कुली का
Er. Sanjay Shrivastava
आता एक बार फिर से तो
आता एक बार फिर से तो
Dr Manju Saini
हम चाहते हैं
हम चाहते हैं
Basant Bhagawan Roy
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
Ram Krishan Rastogi
*पद के पीछे लोग 【कुंडलिया】*
*पद के पीछे लोग 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
उफ़ ये बेटियाँ
उफ़ ये बेटियाँ
SHAMA PARVEEN
Loading...