* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
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* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
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(1)
हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो
लौटते भाटे को आओ , ज्वार कर लो
(2)
फूल यदि भेजे नहीं ,प्रिय ने तुम्हें तो
शूल जो भेजे उन्हें आभार कर लो
(3)
भीड़ से पत्थर मिले मत फेंक देना
नव – भवन का ही उन्हें आधार कर लो
(4)
खो नहीं देना कभी ,मुस्कान मुख की
नफरतें तुमसे करें जो ,प्यार कर लो
(5)
कब यहाँ चाहा हुआ ,किसको मिला है
जिंदगी जैसी मिले , स्वीकार कर लो
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451