हर कभी ना माने
हर कभी ना माने
चाहे मुसीबत लाख आए
हर तरफ जलजला छाए
चारों तरफ उदासी आए
पर
हार कभी ना माने
तुम हार कभी ना माने..
लोगों की सोच के आगे
नजर सिर्फ लक्ष्य को ताके,
अनजान राह के सबसे आगे
चाहे आंसू लाख बहे
पर
हार कभी ना माने
हार कभी ना माने…
तेरे मेरे जग से आगे
एक नई दुनिया है प्यारे
तरह तरह के खेल निराले
आशा से विश्वास भरो तुम
पर
हार कभी ना माने
हार कभी ना माने …
आनंदश्री- प्रो डॉ दिनेश गुप्ता