Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2022 · 1 min read

वही इब्तिदा वही इन्तिहा थी।

पेश है पूरी ग़ज़ल…

शहर के अदीबों की चाहत थी।
कहने को वो एक तवायफ थी।।1।।

बचता ना कोई तीर ए नज़र से।
वो जीती जागती कयामत थी।।2।।

हर दिल ही सुकून पाता उससे।
प्यासे सेहरा में जैसे राहत थी।।3।।

जैसे परवाने को शम्मा चाहिए।
यूं सबमें बसी बुरी आदत थी।।4।।

हुस्न ए शबाब का क्या कहना।
मजबूर हर रूह की हालत थी।।5।।

वही इब्तिदा वही इन्तिहा थी।
वो हर दिल की ही हाजत थी।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

75 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
हाँ, कल तक तू मेरा सपना थी
हाँ, कल तक तू मेरा सपना थी
gurudeenverma198
कठपुतली की क्या औकात
कठपुतली की क्या औकात
Satish Srijan
नया सवेरा
नया सवेरा
नन्दलाल सुथार "राही"
ऐनक
ऐनक
Buddha Prakash
चुनावी घोषणा पत्र
चुनावी घोषणा पत्र
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2271.
2271.
Dr.Khedu Bharti
Ahsas tujhe bhi hai
Ahsas tujhe bhi hai
Sakshi Tripathi
"मेरी नयी स्कूटी"
Dr Meenu Poonia
बहुजन दीवाली
बहुजन दीवाली
Shekhar Chandra Mitra
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
क्लास विच हिन्दी बोलनी चाहिदी
क्लास विच हिन्दी बोलनी चाहिदी
विनोद सिल्ला
*नत ( कुंडलिया )*
*नत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
लाज-लेहाज
लाज-लेहाज
Anil Jha
👌आत्म गौरव👌
👌आत्म गौरव👌
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा विषय साहित्य नहीं है
मेरा विषय साहित्य नहीं है
Ankita Patel
एक हमदर्द थी वो.........
एक हमदर्द थी वो.........
Aditya Prakash
मृगतृष्णा
मृगतृष्णा
Pratibha Kumari
रामचरितमानस (मुक्तक)
रामचरितमानस (मुक्तक)
नीरज कुमार ' सरल'
💐प्रेम कौतुक-546💐
💐प्रेम कौतुक-546💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
*🔱नित्य हूँ निरन्तर हूँ...*
*🔱नित्य हूँ निरन्तर हूँ...*
Dr Manju Saini
Ham tum aur waqt jab teeno qismat se mil gye.....
Ham tum aur waqt jab teeno qismat se mil gye.....
shabina. Naaz
तुमसे कहते रहे,भुला दो मुझको
तुमसे कहते रहे,भुला दो मुझको
Surinder blackpen
हमारी हार के किस्सों के हिस्से हो गए हैं
हमारी हार के किस्सों के हिस्से हो गए हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रूपसी
रूपसी
Prakash Chandra
तेरी आदत सी हो गई दिल को
तेरी आदत सी हो गई दिल को
Dr fauzia Naseem shad
आस
आस
Dr. Rajiv
নির্মল নিশ্চল হৃদয় পল্লবিত আত্মজ্ঞান হোক
নির্মল নিশ্চল হৃদয় পল্লবিত আত্মজ্ঞান হোক
Sakhawat Jisan
चॉंद और सूरज
चॉंद और सूरज
Ravi Ghayal
दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया ।
दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया ।
Arvind trivedi
Loading...