याद
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रिमझिम-रिमझिम बरसे सावन,
पल-पल, पल-पल बहके यह मन।
कुहू-कुहू कोयल गाये,
कोई मीठा गीत सुनाये।
दूर कहीं पर बोले पपीहा,
बार-बार डोले फिर जिया।
धीमे-धीमे बजती पायल,
नाचे मन मयूर बन पागल।
आया कोई है आया,
मन धीरे से फिर मुस्काया।
फर-फर, फर-फर चले पुरवाई,
आई किसी की याद है आई।
रचनाकार :- कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत) ।
काव्य-संग्रह ~ कंचनी बयार (१)
प्रकाशन-वर्ष ~ २०१३.
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार) ।