“मानो या न मानो”
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/42fa5c23681b31c7b4c2971afd0a39fd_055ed97da815d3d56449efce92c5a32f_600.jpg)
“मानो या न मानो”
बिना स्वार्थ के
बिना मेल-मुलाकात के
प्रतिदिन याद करने वाले भी
सौभाग्य से मिलते हैं,
मानो या न मानो
ऐसे लोगों से हमारा
पूर्व जन्म के रिश्ते रहते हैं।
“मानो या न मानो”
बिना स्वार्थ के
बिना मेल-मुलाकात के
प्रतिदिन याद करने वाले भी
सौभाग्य से मिलते हैं,
मानो या न मानो
ऐसे लोगों से हमारा
पूर्व जन्म के रिश्ते रहते हैं।