माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
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माँ तेरे, दर्शन की अँखिया ये प्यासी है ।
दर्शन दिखा दे माँ, अर्ज ये हमारी है।।
तेरे दर पे भक्तो की, भीर बड़ी भारी है
निसहाय, निर्धन, निर्बल आया भिखाड़ी है।
माँ तेरी दर्शन की अँखिया ये प्यासी है ।।
अंधकार जीवन में तू, ज्योति जगमगायी है
मुझे भी दिखाओ माँ, क्यों दुःख में डुबाई है।
माँ तेरी दर्शन की अँखिया ये प्यासी है ।।
जग की है जननी तू, तूही महामाई है
कौन ना है जग में, जो महिमा ना गाई है।
माँ तेरी दर्शन की अँखिया ये प्यासी है ।।
✍️ बसंत भगवान राय
(धुन: जिंदगी के राहों में रंजो गम के मेले है)