भाई बहन का प्रेम
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भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम अनोखा,
कहे विजय का लेख.
तड़फ होता बहन हृदय को
दर्द भाई का देख.
भाई, सग भाई ही होता है
बहन ह्रदय के दर्द पर
ह्रदय फाड़कर रोता है.
आता है ज़ब माँ की याद
गोदी बहन के सोता है.
विचार अलग है ब्योहार अलग है
पर हृदय होता एक.
बाई बहन का प्रेम अनोखा
कहे विजय का लेख
झंकार हमेशा दीदी का,..
फटकार हमेशा दीदी का
दिल थाम हमेशा रखना
एक वचन दीदी को दे दे
बाप बन कर रहना.
एक आशा एक भरोसा
तुम है एक अरमान
एक कोख के ओलाद हम
न रहें दिल गुमान.
जन्मदिन मुबारक रहें , दोनों का
काटे खुशियाली केक
भाई बहन का प्रेम अनोखा कहे विजय का लेख
न चाहिए जयजाद हमें,
एक बात की दुखी हूँ
मिल जाये भात्रि प्रेम
बस इसी बात की भूखी हूँ.
भाई बहन का प्रेम तुड़वाने
जो खेलते है गेम
अक्ल मुंड, बहन विहीन
न समझेंगे नेम
तड़फन होता बहन हृदय को
दर्द भाई का देख
भाई बहन का प्रेम अनोखा
कहे विजय का लेख.
डॉ. विजय कन्नौजे अमोदी आरंग रायपुर