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28 Jan 2024 · 1 min read

बाल कविता: हाथी की दावत

बाल कविता: हाथी की दावत
**********************

घर हमने सजाया है,
हाथी को बुलाया है।

हाथी आये सूंड हिलाकर,
थोड़ी अपनी तोंद फुलाकर।

खटिया डाली आंगन में,
सारे बैठे प्रांगण में।

मिलकर सबने दावत खायी,
हलवा पूड़ी खूब उड़ायी।

खा पीकर डकार आयी,
फिर हाथी ने लेट लगायी।

शाम हुई दीपक जले,
लौट के हाथी वन को चले।

*********📚*********
स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन

2 Likes · 1 Comment · 213 Views
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