!! प्रेम बारिश !!
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सोचता हूं आज कल मैं
बिन तुम्हारे!! प्रेम बारिश कैसे होगी ?
साथ थी जब तुम मेरे , होती थी प्रेम बारिश
बात करते हम दोनो, होती थी प्रेम बारिश
रूठ जाती जब तुम मुझसे , होती थी प्रेम बारिश
मनाता था जब मैं तुमको, होती थीं प्रेम बारिश
मुस्कुराती तब तुम थोड़ा , होती थीं प्रेम बारिश
मिलने आती जब कभी तुम , होती थीं प्रेम बारिश
साथ चलती जब तुम मेरे , होती थी प्रेम बारिश
केश उड़ते जब तुम्हारे , होती थीं प्रेम बारिश
ढालती थीं जब तुम मुझमें , होती थी प्रेम बारिश
घबराती जब तुम थोड़ा , होती थीं प्रेम बारिश
शर्माती जब तुम थोड़ा , होती थीं प्रेम बारिश
पर जब से हम बिछड़े हैं, तब से
हर रोज होती प्रेम बारिश
✍️ D. K