परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
*भले कितनी हो लंबी रात,दिन फिर भी निकलता है 【मुक्तक】*
The Saga Of That Unforgettable Pain
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ "अ" से "ज्ञ" के बीच सिमटी है दुनिया की प्रत्येक भाषा। 😊
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
जिस तरह से बिना चाहे ग़म मिल जाते है
Gulab ke hasin khab bunne wali
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
There is no shortcut through the forest of life if there is
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
बाल कविता: नानी की बिल्ली