धन्यवाद कोरोना
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धन्यवाद कोरोना,
तूने जीना सिखा दिया।
मौत के खौफ़ से,
लड़कर जीवन रक्षा सिखा दिया।
बहुत दिनों से भटक रही थी,
जिस रोशनी की तलाश में।
खुद में झांका तो अन्तर्मन का
दिया जलाना सीख लिया।
क्यों भटकते हैं दर बदर,
जब सच्चा सुख घर की दहलीज पर
अंधे रों से डरे सांध्य दीप जलाकर,
किरण मन में भरना सीख लिया।
बीत जाएगा ये दुष्वार पल भी,
कंटकों से लड़कर सीख लिया।