Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2017 · 1 min read

“तुम, मुझे याद करके देखना”

बिछड़ी हुई गलियों से, आज फिर गुजर के देखना।
तन्हा ना कहोगे खुदको,आज फिर संवर के देखना।।
हर कदम निशा मिलेंगे मेरे,नज़र साद करके देखना।
पास पाओगे मुझे, ख़ुदा से फरियाद करके देखना।।
तस्वीर मेरी लेकर तुम, बंद कमरे में बैठ जाना।
तस्वीर बात करेगी तुमसे, तुम बात करके देखना।।
रूठते थे हमसे तुम कभी, मनाते थे हम कभी।
आज मनाएगी तस्वीर तुम्हें, तुम रूठ करके देखना।।
खो जाओगे ख्यालो में तुम, तभी हम दस्तक देंगे।
दिल में पाओगे हमें, तुम दिल बेकरार करके
देखना।।
तमाम अधूरे किस्से, बन जाएँगे याद के हिस्से।
बस एक बार तुम, मुझे, याद कर के देखना।।
रचियता
संतोष बरमैया”जय”
09923361761,08889245672

538 Views
You may also like:
जय भीम का मतलब
जय भीम का मतलब
Shekhar Chandra Mitra
💐Prodigy Love-34💐
💐Prodigy Love-34💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आर्य समाज, धमोरा (जिला रामपुर)
आर्य समाज, धमोरा (जिला रामपुर)
Ravi Prakash
तुम तो हो गई मुझसे दूर
तुम तो हो गई मुझसे दूर
Shakil Alam
हार हूँ
हार हूँ
Satish Srijan
स्त्री श्रृंगार
स्त्री श्रृंगार
विजय कुमार अग्रवाल
आस्तीन के साँप
आस्तीन के साँप
Dr Archana Gupta
सच वह देखे तो पसीना आ जाए
सच वह देखे तो पसीना आ जाए
कवि दीपक बवेजा
इश्क़ का कुछ अलग ही फितूर था हम पर,
इश्क़ का कुछ अलग ही फितूर था हम पर,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
मुस्कराता चेहरा
मुस्कराता चेहरा
shabina. Naaz
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
कलयुग का परिचय
कलयुग का परिचय
Nishant prakhar
तितली
तितली
Manshwi Prasad
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
Subhash Singhai
2241.💥सबकुछ खतम 💥
2241.💥सबकुछ खतम 💥
Khedu Bharti "Satyesh"
■ लघुकथा / प्रेस कॉन्फ्रेंस
■ लघुकथा / प्रेस कॉन्फ्रेंस
*Author प्रणय प्रभात*
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आवो हम इस दीपावली पर
आवो हम इस दीपावली पर
gurudeenverma198
बेटी से मुस्कान है...
बेटी से मुस्कान है...
जगदीश लववंशी
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन की सांझ
जीवन की सांझ
Dr. Girish Chandra Agarwal
"वृद्धाश्रम" कहानी लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत, गुजरात।
radhakishan Mundhra
रावण कौन!
रावण कौन!
Deepak Kohli
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
Buddha Prakash
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
दादी मां की बहुत याद आई
दादी मां की बहुत याद आई
VINOD KUMAR CHAUHAN
अपनेपन का मुखौटा
अपनेपन का मुखौटा
Manisha Manjari
Loading...