Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2017 · 1 min read

[[[[ गुम होती मानवता ]]]]

((( गुम होती मानवता )))
@ दिनश एल० “जैहिंद”

एक तरफ खुदा है रुठा,,
है वहाँ तो बचपन भूखा |
देख तमाशा ये भाई देख,,
नहीं मिटे कभी भाग्यलेखा ||

दूजी तरफ मेहरबाँ है खुदा,,
वहाँ खेलता बालक दूजा |
भूखा-प्यासा बच्चा बेचारा,,
खाने को टैब आतुर राजा ||

खुदा की बातें वही जाने,,
हम क्यूँ उस पर दोष डालें |
है नासमझी का ये आलम,,
कोई उचित हम हल निकालें ||

सम्भाव, सद्भवना का यहाँ,,
आदिकाल से लोप हुआ है |
एक बचपन खुशहाल हुआ,,
दूजा जीवन बेहाल मुआ है ||

हम विवेकशील, विवेकवान,,
पर क्यूँ न हो सके एकसमान ?
बचपन हमसे पूछे कई सवाल,
पर हिल न पाए हमारी जुबान ||

खुदा ने देकर हमको ये प्राण,,
क्या कोई बड़ा है गुनाह किया ?
हम तो बड़े गुनहगार है खुदके,
खुद को राजा-रंक में बाँट लिया ||

अब भी वक्त है ना कुछ बिगड़ा,,
कर लो कुछ अभी से भाई उपाय |
नेक दिल, नेक इंसान की खातिर,,
बनकर इंसां होते खुदा सदा सहाय ||

###दिनेश एल० “जैहिंद”

Language: Hindi
Tag: कविता
311 Views

Books from दिनेश एल० "जैहिंद"

You may also like:
■ संस्मरण / आख़िर, वक़्त निगल ही गया रसमयी धरोहरें।
■ संस्मरण / आख़िर, वक़्त निगल ही गया रसमयी धरोहरें।
*Author प्रणय प्रभात*
आतिशबाजी बुरी (बाल कविता)
आतिशबाजी बुरी (बाल कविता)
Ravi Prakash
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
फ़ितरत
फ़ितरत
Manisha Manjari
शुक्र है मौला
शुक्र है मौला
Satish Srijan
“ मेरे सपनों की दुनियाँ ”
“ मेरे सपनों की दुनियाँ ”
DrLakshman Jha Parimal
उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो
उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो
Dr. Shailendra Kumar Gupta
होली
होली
Manu Vashistha
✍️राजू ये कैसी अदाकारी..?
✍️राजू ये कैसी अदाकारी..?
'अशांत' शेखर
तुम्हारा प्यार साथ था गोया
तुम्हारा प्यार साथ था गोया
Ranjana Verma
बे'बसी हमको पे रो गई आके
बे'बसी हमको पे रो गई आके
Dr fauzia Naseem shad
नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
कुंदन सिंह बिहारी
💐प्रेम कौतुक-224💐
💐प्रेम कौतुक-224💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
✍️गलत बात है ✍️
✍️गलत बात है ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
खत्म हुआ मतदान अब
खत्म हुआ मतदान अब
विनोद सिल्ला
"हिंदी से हिंद का रक्षण करें"
पंकज कुमार कर्ण
चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही गुम हो
चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही...
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अक्लमंद --एक व्यंग्य
अक्लमंद --एक व्यंग्य
Surinder blackpen
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ विश्व एक परिवार
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ विश्व एक परिवार
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
#नाव
#नाव
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
Saraswati Bajpai
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो मेरी कौन थी ?
वो मेरी कौन थी ?
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
हर आईना मुझे ही दिखाता है
हर आईना मुझे ही दिखाता है
VINOD KUMAR CHAUHAN
माँ की वंदना
माँ की वंदना
Buddha Prakash
अज़ीब था
अज़ीब था
Mahendra Narayan
मानव छंद , विधान और विधाएं
मानव छंद , विधान और विधाएं
Subhash Singhai
Writing Challenge- भाग्य (Luck)
Writing Challenge- भाग्य (Luck)
Sahityapedia
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
डाला है लावा उसने कुछ ऐसा ज़बान से
डाला है लावा उसने कुछ ऐसा ज़बान से
Anis Shah
Loading...