“कैसा सवाल है नारी?”
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“कैसा सवाल है नारी?”
इक्कीसवीं सदी के सूरज तले
सब पर पड़ रही भारी,
कोई हल करके दिखाए तो जाने
कैसा सवाल है नारी?
तलाक और वैधव्य की आँच में
तपकर भी मुस्कुराती,
सपनों की चादर फेंक करके भी
नारी जीती जाती।
“कैसा सवाल है नारी?”
इक्कीसवीं सदी के सूरज तले
सब पर पड़ रही भारी,
कोई हल करके दिखाए तो जाने
कैसा सवाल है नारी?
तलाक और वैधव्य की आँच में
तपकर भी मुस्कुराती,
सपनों की चादर फेंक करके भी
नारी जीती जाती।