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16 May 2024 · 1 min read

नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।

नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।
नयन सींचते प्रेम को,नयन लगें घनसार।।
वृष्टि करें आनन्द की,नयन प्रीत के द्वार।
नयन-नयन में पल रहा,इस जीवन का सार ।।
स्वरचित
डॉक्टर रागिनी शर्मा,इंदौर

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