कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
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कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
कभी बिखरे हुए ख्वाबों को भी सी लेता हूँ ।
न हो यकी तो कभी देख लो कदमों के निशान।
एक ही दिन में कई जिंदगी जी लेता हूँ ।
“कश्यप”
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
कभी बिखरे हुए ख्वाबों को भी सी लेता हूँ ।
न हो यकी तो कभी देख लो कदमों के निशान।
एक ही दिन में कई जिंदगी जी लेता हूँ ।
“कश्यप”