कब तक बचोगी तुम
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/529451e326eb58bfebc662203e394805_7d993e5ad91b2f0ba106116fa5bf4bb7_600.jpg)
कब तक बचोगी तुम, मेरी नजरों से यारा मेरी नजरों से
कब तक छुपोगी तुम, अपनी जुल्फों से यारा अपनी जुल्फों से प्यार इतना हो गया की दूर तुमसे रहा जाए ना
तेरी नजरों से यारा तेरी जुल्फों से ।
मिन्नतें मेरी ठुकराओ ना, फूलों को यू मुरझाओ ना
ना शरारत करो इतना मेरे साथ तुम, मै हु भोले भाले
ना हो भोली भाली तुम ना हो भोली भाली तुम
कब तक भींगोगी तुम
अपनी अश्कों से यारा अपनी अस्को से
कब तक जियोगी तुम इन लम्हों से यारा इन लम्हों से
कब तक……….
कुछ एसे हरकतें कर दो मेरे लिए
आया ह मैं जानम तेरे लिए
मानो मेरी बात तुम जिद्द अपनी छोर दो
जा अपनी जान तुम कोई और ढूंढ लो कोई और ढूंढ लो
कब तक करोगी तुम इन नखरों को यारा इन नखरों को यारा
कब तक सहेजू मै इन सपनों को यारा इन सपनों को
प्यार इतना……….
✍️ बसंत भगवान राय