ओम के दोहे
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/acc18a5b09ddf1fc8383b33076b116f3_54b762e15f8bb07973fe789b5e31d233_600.jpg)
रामलला की मंगल मूरत , मोहित सब नरनार ।
अवधपुरी में ओम सा , आनंदमयी संसार ।।
उमड़ पड़ा सरयू तट पर , जनसैलाब अपार ।
दर्शन करने राम का , ओम अड़ गये द्वार ।।
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट , मध्य प्रदेश
रामलला की मंगल मूरत , मोहित सब नरनार ।
अवधपुरी में ओम सा , आनंदमयी संसार ।।
उमड़ पड़ा सरयू तट पर , जनसैलाब अपार ।
दर्शन करने राम का , ओम अड़ गये द्वार ।।
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट , मध्य प्रदेश