*एक (बाल कविता)*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/a0155f4a76898495a989962c73f6d8e8_ccd07aabe589f535e7bf6d509ac9a196_600.jpg)
एक (बाल कविता)
गिनती चलो एक से गाओ
फिर दो और तीन बैठाओ
चार पॉंच छह लेकर आओ
सात आठ को खूब हॅंसाओ
गिनती रखना नहीं अधूरी
नौ दस से होती है पूरी
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
एक (बाल कविता)
गिनती चलो एक से गाओ
फिर दो और तीन बैठाओ
चार पॉंच छह लेकर आओ
सात आठ को खूब हॅंसाओ
गिनती रखना नहीं अधूरी
नौ दस से होती है पूरी
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451