Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2024 · 1 min read

ऋतुराज संग लाया बहार

ऋतुराज संग लाया बहार
मादक भरी बहती बयार
सुंदर मधुर कोमल सा प्यार
खोया कहां निर्मल करार.
मुरझा रहा बागों में फूल
सहमा बहुत है सुमन-समूल
कुपित व्यथित हो उड़ा है धूल
क्यों वृंत-वृंत में उगा है शूल.
शत्-शत् मधुप गूंजा करते थे
पुष्प सुगंध बिखरा करते थे
कलरव विहग किया करते थे
पुलकित प्रकृति हंसा करते थे.
मुख सरोज हर्षा करते थे
दृग युगल बहका करते थे
स्नेह मिलन की हुआ करते थे
अराध्य चरण की दुआ करते थे.
पथ खो गया वो आदर्श वंत
क्यों हो रहा कुत्सित ये मत
मन है मलीन अंतर है क्षुब्ध
शोणित प्रवाह हो रहा समस्त.
चुप शाख है तरु मौन है
संकल्प सारे गौण है
झुलसा रहा तन कौन है
क्यों बेरहम सा कौम है.
निज रोष को सारे समेट
अनुराग भरे उर में प्रत्येक
करे त्याग कटुता और क्लेश
धारण करे मृदुता का वेश
भारती दास ✍️

Language: Hindi
3 Likes · 602 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bharti Das
View all
You may also like:
तुम पतझड़ सावन पिया,
तुम पतझड़ सावन पिया,
लक्ष्मी सिंह
#शेर
#शेर
*प्रणय प्रभात*
हमारा देश
हमारा देश
SHAMA PARVEEN
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पल
पल
Sangeeta Beniwal
भले ई फूल बा करिया
भले ई फूल बा करिया
आकाश महेशपुरी
"बुरी होती अति"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जो लोग असफलता से बचते है
जो लोग असफलता से बचते है
पूर्वार्थ
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
सच तो बस
सच तो बस
Neeraj Agarwal
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
Shweta Soni
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वन गमन
वन गमन
Shashi Mahajan
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
पानी की तस्वीर तो देखो
पानी की तस्वीर तो देखो
VINOD CHAUHAN
** सपने सजाना सीख ले **
** सपने सजाना सीख ले **
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कितने एहसास हैं
कितने एहसास हैं
Dr fauzia Naseem shad
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा
Mukesh Kumar Sonkar
3081.*पूर्णिका*
3081.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गाय
गाय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...