विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
हल्की हल्की सी हंसी ,साफ इशारा भी नहीं!
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
*रिश्तों को जिंदा रखना है, तो संवाद जरूरी है【मुक्तक 】*
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा।
पहला प्यार सबक दे गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"