“इसलिए जंग जरूरी है”
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/d0858b9350b9f2faf3f382a6bd7f6345_2a6326eb17d7df53d65593fcdb5a38dc_600.jpg)
“इसलिए जंग जरूरी है”
वो सुनहरा भोर कब आएगा
जब मानव, मानव को न सताएगा
जोर जुल्म का नाश हो जाएगा
आहें भरना बन्द हो जाएगा
मगर अभी तो भावनाएँ खुरदूरी है,
इसलिए जंग जरूरी है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“इसलिए जंग जरूरी है”
वो सुनहरा भोर कब आएगा
जब मानव, मानव को न सताएगा
जोर जुल्म का नाश हो जाएगा
आहें भरना बन्द हो जाएगा
मगर अभी तो भावनाएँ खुरदूरी है,
इसलिए जंग जरूरी है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति