आसमान से ऊपर और जमीं के नीचे
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क्यों चल रहा है, आंखें मीचे
सोच ले आसमान से ऊपर
सोच ले जमीं के नीचे
मौत के बाद कब्र की बात
आसमान के ऊपर की जिंदगी
आखिरात के हिसाब की बात
मसला बड़ा अहं है
सोच वक्त अभी बाक़ी है
कब आएगी मौत?
कब होगा आखिरियत के सफ़र का आगाज
खोल आंखें सोच ले आज
जो भी सांसें समय बाकी है
सोच सोच अगर इंसानियत बाकी है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी