Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2022 · 1 min read

आज किस्सा हुआ तमाम है।

देखो हमारी जिन्दगी का आज किस्सा हुआ तमाम है।
जनाजा उठा है ऐसा हमारा जैसे कंधों पे लदा सामान है।।1।।

वादा किया था जो कभी वफाओं का हमनें तुमसे।
देखो मरकर भी ना लाए हम ओठो पर तुम्हारा नाम है।।2।।

मिलती नही कोई खैरो खबर हमको हमारे यार की।
ऐ हवा तू ही दे देना उनको हमारी मौत का पैगाम ये।।3।।

रह रह कर दर्द से चिल्लाते है हम तन्हा विरानियों में।
हमको मिलती नही शिफा कही किसी भी हाल में।।4।।

लो चल दिये अब हम तन्हा अकेले ही नए सफ़र को।
दूल्हा सा सजाया गया है हमको सफेद लिबास में।।5।।

तुम्हारी बेवफाई पर दिल को बड़ा ही रोना आया है।
देखना तुम भी बड़ा रोओगे एक दिन हमारी याद में।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 39 Views
You may also like:
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ आलेख / प्रयोगवाद के जनक महाकवि
■ आलेख / प्रयोगवाद के जनक महाकवि "मुक्तिबोध"
*Author प्रणय प्रभात*
सीमवा पे डटल हवे, हमरे भैय्या फ़ौजी
सीमवा पे डटल हवे, हमरे भैय्या फ़ौजी
Er.Navaneet R Shandily
इतिहास और साहित्य
इतिहास और साहित्य
Buddha Prakash
रंगों  की  बरसात की होली
रंगों की बरसात की होली
Vijay kumar Pandey
"लेखक की मानसिकता "
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-277💐
💐प्रेम कौतुक-277💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जिंदगी
जिंदगी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
विचार
विचार
मनोज शर्मा
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"कलयुग का मानस"
Dr Meenu Poonia
देख सिसकता भोला बचपन...
देख सिसकता भोला बचपन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
बेशरम रंग
बेशरम रंग
मनोज कर्ण
आओ और सराहा जाये
आओ और सराहा जाये
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
যখন হৃদয় জ্বলে, তখন প্রদীপ জ্বালানোর আর প্রয়োজন নেই, হৃদয়ে
যখন হৃদয় জ্বলে, তখন প্রদীপ জ্বালানোর আর প্রয়োজন নেই, হৃদয়ে
Sakhawat Jisan
तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें
Dr. Sunita Singh
"रंग वही लगाओ रे"
Dr. Kishan tandon kranti
देश हे अपना
देश हे अपना
Swami Ganganiya
*नहीं फिर रात होती है (मुक्तक)*
*नहीं फिर रात होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अनसुनी~प्रेम कहानी
अनसुनी~प्रेम कहानी
bhandari lokesh
विचार मंच भाग -8
विचार मंच भाग -8
Rohit Kaushik
फूलों से।
फूलों से।
Anil Mishra Prahari
Who is whose best friend
Who is whose best friend
Ankita Patel
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ...
कवि दीपक बवेजा
ज़िन्दगी इतना तो
ज़िन्दगी इतना तो
Dr fauzia Naseem shad
मैं आग लगाने आया हूं
मैं आग लगाने आया हूं
Shekhar Chandra Mitra
✍️ मिलाप...
✍️ मिलाप...
'अशांत' शेखर
तुम तो अपने थे।
तुम तो अपने थे।
Taj Mohammad
Loading...