Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2024 · 1 min read

अपनी शान के लिए माँ-बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं

(शेर)- क्यों कर रहे हैं बच्चें आत्महत्या, इसका गुनाहगार कौन है।
अपनी शानो- इज्जत का औजार, बच्चों को बना रहा कौन है।।
——————————————————-
अपनी शान के लिए माँ- बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप———————।।

औरों को दिखाने को खुद को महान, बुनते हैं क्यों ऐसे सपनें।
थोप देते हैं अपने बच्चों पर, माँ- बाप क्यों फिर अपने सपनें।।
साकार करने को अपने सपनें, बच्चों के सपनें कुचलते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप——————-।।

नहीं पूछते हैं बच्चों से कभी, बच्चों की किसमें है रूचि।
औरों से करने के लिए तुलना, मार देते हैं बच्चों की रुचि।।
बताकर खुद को उनका मालिक, खामोश बच्चों को रखते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप——————–।।

जरूरी नहीं बन जायेंगे, सभी सरकारी अधिकारी यहाँ।
अपनी योग्यता- हुनर से कोई, नहीं होगा बेरोजगार यहाँ।।
कठपुतली समझकर बच्चों को, क्यों खुद से पराया करते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
80 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
दोहा
दोहा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
"सेहत का राज"
Dr. Kishan tandon kranti
आंसूओं की नमी का क्या करते
आंसूओं की नमी का क्या करते
Dr fauzia Naseem shad
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
पूर्वार्थ
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मातु शारदे करो कल्याण....
मातु शारदे करो कल्याण....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
ruby kumari
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
gurudeenverma198
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
लक्ष्मी सिंह
"भीषण बाढ़ की वजह"
*प्रणय प्रभात*
जग मग दीप  जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
जग मग दीप जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
Ravi Prakash
साँप का जहर
साँप का जहर
मनोज कर्ण
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
माँ
माँ
SHAMA PARVEEN
खुद्दार
खुद्दार
अखिलेश 'अखिल'
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
ये चांद सा महबूब और,
ये चांद सा महबूब और,
शेखर सिंह
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
Salman Surya
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
Manoj Mahato
काल  अटल संसार में,
काल अटल संसार में,
sushil sarna
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
Loading...