Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2016 · 1 min read

गजल

आ गये जब पास मेरे वो हिचकिचाये भी नहीं
दर्द दास्तां को सुना तब वो लजाए भी नहीं

प्यार में पागल हुए जो हम न शरमाए कभी
भूल फिर हमसे हुई तब बडबडाए भी नहीं

रो रहा दिल यह कभी ठुकरा दिया तूने हमें
छोड़ तुझको दिल पे कोई और छाए भी नहीं

उस खुदा को आप में हमने हमेशा पा लिया
इसलिये तो सोच के हम आजमाए भी नहीं

छांव बन के मैं चलूँ , रग में बसू तेरी अभी
रात मेरे साथ रह क्यों जगमगाए भी नहीं

ताप दिल का दूर होता , बाँसुरी बन बजते तुम
मन सुरों की सरगमें बन , गुनगुनाए भी नहीं

गीत तेरे प्रेम के गाती रही हूँ आज भी
खत लिखे चाहत भरे मैनें जलाए भी नहीं

67 Likes · 418 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
प्यारा भारत देश है
प्यारा भारत देश है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
फ़ितरत-ए-धूर्त
फ़ितरत-ए-धूर्त
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सावन बरसता है उधर....
सावन बरसता है उधर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नीलेश
नीलेश
Dhriti Mishra
छोटी सी बात
छोटी सी बात
Kanchan Khanna
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
Buddha Prakash
2490.पूर्णिका
2490.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
मायके से दुआ लीजिए
मायके से दुआ लीजिए
Harminder Kaur
जाने क्यूं मुझ पर से
जाने क्यूं मुझ पर से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
Srishty Bansal
बंदूक की गोली से,
बंदूक की गोली से,
नेताम आर सी
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
Sanjay ' शून्य'
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#सनातन_सत्य
#सनातन_सत्य
*Author प्रणय प्रभात*
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है
Shweta Soni
"एक बड़ा सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
💐अज्ञात के प्रति-106💐
💐अज्ञात के प्रति-106💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Exam Stress
Exam Stress
Tushar Jagawat
*जुदाई न मिले किसी को*
*जुदाई न मिले किसी को*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
इश्क़ में
इश्क़ में
हिमांशु Kulshrestha
कलेक्टर से भेंट
कलेक्टर से भेंट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
पूरनमासी चंद्रमा , फागुन का शुभ मास [कुंडलिया]*
पूरनमासी चंद्रमा , फागुन का शुभ मास [कुंडलिया]*
Ravi Prakash
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
Loading...