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31 Jul 2017 · 1 min read

समय बीतता

समय बहुत बीतता गया जब
लगा हमें तो दगा हुआ है

मिला नही आज साथ तेरा
तभी मिरा दिल हरा हुआ है

हुई खता कोन सी न जानूँ
कही गयी पर खफा हुआ है

निहारता चाँद जब मुझे तो
यूँ चाँदनी को नशा हुआ है

रही लहू की पियास उसको
तभी उसे अब नशा हुआ है

खुशी मनी आज घर मिरे
सुनो तो लड़का हुआ है

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