Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

बस यूं ही

कर ले तूं मौज
शायद नहीं मिलेगी रोज
न कर कमी
करने में कोई खुराफात
मन के दंगल
और बना ले सारा जंगल
यह समां न
लौट के आये ,मौज करले
अपने हवस की
आग को रोज ठंडा कर ले
पी ले जाम भर कर,
भर के औ दुनिया के मेहमान
जिन्दगी फिर कभी न
दोबारा तुझ को मिलेगी
अपनी बचा के दूसरे
की लूट ले,और
यह कहाँ फिर कभी
दोबारा मिलेगी
हर बात का होता है
अंत, वो तुझ पर
डिपेंड करता है
की
सुखद:: या दुखद::

अजीत

Language: Hindi
566 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
या तो सच उसको बता दो
या तो सच उसको बता दो
gurudeenverma198
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
डॉ. दीपक मेवाती
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
सूखे पत्तों से भी प्यार लूंगा मैं
सूखे पत्तों से भी प्यार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
अधूरी सी ज़िंदगी   ....
अधूरी सी ज़िंदगी ....
sushil sarna
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
मिलन
मिलन
Gurdeep Saggu
"दुर्भाग्य"
Dr. Kishan tandon kranti
किस पथ पर उसको जाना था
किस पथ पर उसको जाना था
Mamta Rani
श्रेष्ठ भावना
श्रेष्ठ भावना
Raju Gajbhiye
कलम लिख दे।
कलम लिख दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
National Cancer Day
National Cancer Day
Tushar Jagawat
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
Dr.Rashmi Mishra
अखंड भारत
अखंड भारत
कार्तिक नितिन शर्मा
किसान
किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
व्यथा
व्यथा
Kavita Chouhan
"जून की शीतलता"
Dr Meenu Poonia
स्वयं पर विश्वास
स्वयं पर विश्वास
Dr fauzia Naseem shad
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
मिलन की वेला
मिलन की वेला
Dr.Pratibha Prakash
जीवनमंथन
जीवनमंथन
Shyam Sundar Subramanian
2327.पूर्णिका
2327.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जीवन का अंत है, पर संभावनाएं अनंत हैं
जीवन का अंत है, पर संभावनाएं अनंत हैं
Pankaj Sen
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
ruby kumari
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
Loading...