Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2017 · 1 min read

नारी का अपमान न हो, वो सुहाग बना

पदांत- बना
समांत- आग

जीवन का उत्कर्ष, प्रेम और त्याग बना.
सर्वधर्म समभाव सब से, अनुराग बना.

मोह, माया, मत्सर से, नहिं हो, तू प्रेरित,
जीवन बहु-सुखाय, बहु-हिताय, प्रयाग बना.

तीव्र दावानल, बड़वानल से, जठरानल,
जीवन जले न, कुछ ऐसा ही, सुराग बना.

भ्रष्ट, अपकर्ष, निकृष्ट, प्रदूषित भाव सभी,
जल कर, सोना बनें विशुद्ध, वो आग बना.

देव अर्द्धनारीश्वर, में ही’ अब, पुजें सदा,
नारी का, अपमान न हो, वो सुहाग बना.

446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“गुरु और शिष्य”
“गुरु और शिष्य”
DrLakshman Jha Parimal
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नारी की स्वतंत्रता
नारी की स्वतंत्रता
SURYA PRAKASH SHARMA
" मेरी तरह "
Aarti sirsat
चन्द्रयान तीन क्षितिज के पार🙏
चन्द्रयान तीन क्षितिज के पार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बूँद बूँद याद
बूँद बूँद याद
Atul "Krishn"
बच्चा सिर्फ बच्चा होता है
बच्चा सिर्फ बच्चा होता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
The reflection of love
The reflection of love
Bidyadhar Mantry
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सम्पूर्ण सनातन
सम्पूर्ण सनातन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
सर्दी
सर्दी
Dhriti Mishra
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
Rj Anand Prajapati
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हम धरम के नाम पर क्या क्या तमाशे कर रहे
हम धरम के नाम पर क्या क्या तमाशे कर रहे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
आशियाना तुम्हारा
आशियाना तुम्हारा
Srishty Bansal
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
Satish Srijan
"सुखी हुई पत्ती"
Pushpraj Anant
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
Dr Archana Gupta
24)”मुस्करा दो”
24)”मुस्करा दो”
Sapna Arora
मेरे जैसे तमाम
मेरे जैसे तमाम "fools" को "अप्रैल फूल" मुबारक।
*Author प्रणय प्रभात*
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
मां का दर रहे सब चूम
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बदल डाला मुझको
बदल डाला मुझको
Dr fauzia Naseem shad
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
ruby kumari
"तवा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...